सांविधिक लेखा - परीक्षा

सांविधिक लेखा - परीक्षा

सन 1929 से पूर्व रेलवे के लेखे समेकित करने का कार्य भी ऑडिट विभाग ही करता था। ब्रिटिश सरकार एकवर्थ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सन 1929 में दी थी। इसकी अनेक सिफ़ारिशो में से एक सिफारिश यह भी थी कि ऑडिट का अस्तित्व लेखा से अलग होना चाहिए। इस सिफारिश की अनुपालना में रेलवे ऑडिट रेलवे लेखा से एक अलग विभाग बनाया गया तथा भारतीय रेलवे लेखा सेवा को भारतीय रेलवे ऑडिट सेवा से भिन्न केडर माना गया

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 में एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष नियंत्रण महालेखा परीक्षक की व्यवस्था की गई है जिसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति व्दारा की जाती है। इसे पद से उसी तरह हटाया जायेगा, जिस तरह आधार पर सर्वोच्च न्यायालय का कोई न्ययाधीश हटाया जाता है। नियंत्रक महालेखा परीक्षक भारत संघ के लेखा की परीक्षा करता है व विनियोग लेखो के संबंध में अपनी रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत करता है। रेलवे लेखा परीक्षा की लागत रेलवे राजस्व व्दारा वहन की जाती है और मांग संख्या 2 - विविध व्यय के उपशीर्ष - 345 (भारतीय रेल नीति निर्धारण निर्देश, अनुसंधान और अन्य विविध संगठन) में डाली जाती है


ऑडिट के उद्देश्य निम्न है -

लेखा विधि की परीक्षा - अंक गणितीय परिशुध्दता की जाँच करना तथा यह देखना कि किये हुए सभी भुगतानों की रसीद वाउचर मौजूद है। जिससे छल - कपट तकनीकी गलती एवं सिध्दांतो की गलतियों का पता लगाया जा सके। इससे यह भी पता चलता है की संगठन की लेखाकरण पध्दति और आंतरिक जाँच की पध्दति पर्याप्त है या नही

विनियोग लेखा की परीक्षा - यह संसदीय नियंत्रण रखने के लिए की जाती है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है  कि खर्च एवं आमदनी उचित लेखा शीर्ष में ही नामे एवं जमा किये जा रहे है तथा इन शीर्षों में स्वीकृत खर्च से अधिक खर्च की राशि नही डाली गई इसके लिए वह लेखो की लेखा परीक्षा करता हैलेखा विभाग व्दारा तैयार लेखों के शीर्षों की समीक्षा करता है और लेखा परीक्षा रिपोर्ट तैयार कर अंतत: लोक लेखा समिति को प्रस्तुत की जाती है लोक लेखा समिति एक संसदीय समिति है

प्रशासनिक लेखा की परीक्षा - इस परीक्षा में यह सुनिश्चित किया जाता है की खर्च निर्धारित नियमो एवं विनियमों के अनुसार किया गया है। खर्च के प्रत्येक मामले में नियमानुसार सक्षम अधिकारी की सामान्य या विशेष मंजूरी ली गई है

इन उद्देश्यों की पूर्ति साधारणत: लेखा कार्यालय में वाउचरो और संबंधित अभिलेखों की प्रतिशत जाँच करके तथा जिन कार्यालयों से व्यवहार संबंधित है उनके प्रारंभिक रिकोर्ड़ो एवं दस्तावेजो की निरिक्षण क्र की जाती है रेलवे आधिकारियो को चाहिये की वे सार्वजनिक लेखा परीक्षा (ऑडिट) आधिकारियो को उनके कर्तव्य पालन के लिए सभी सुविधाए उपलब्ध कराये

संगठन



कार्य 

नियंत्रक महालेखा परीक्षक के कार्यो और शक्तियों का वर्णन भारत के संविधान के अनुच्छेद 149 से 151 तक विस्तृत रूप में किया गया है जो निम्नुसार है - 
  • भारत की समेकित निधि से किये गये खर्च की लेखा परीक्षा करना और यह पता लगाना की लेखो में जो भुगतान दिखाया गया है क्या वह कानूनी तौर पर उपलब्ध है तथा उस ही प्रयोजन पर लगाने योग्य था, जिस पर उसे लगाया गया है 
  • खर्च उसी अधिकारी के अनुमोदन से किया गया है जो खर्च का अनुमोदन देने में नियमानुसार सक्षम है
  •  आकस्मिक निधियो और सार्वजनिक लेखो से संबंधित संघ और राज्यों के सभी लेनदेनो की लेखा परीक्षा करना
  •  संघ या राज्य सरकार के किसी भी विभाग में रखे गये व्यापारिक खाते, विनिर्माण खाते लाभ - हानि खाते, तुलन पत्र तथा अन्य सहायक लेखो की लेखा परीक्षा करना और सरकार को हरेक लेनदेन के मामले में लेखा परीक्षा रिपोर्ट के परिणामो से अवगत कराना 
  • खर्च एवं प्राप्तियो के लिये सरकार व्दारा जो नियम एवं प्रक्रिया बनायी गयी वह पर्याप्त प्रभावी व संतोषप्रद है तथा इनका कड़ाई से पालन किया जा रहा है। इससे राजस्व के निर्धारण राजस्व के एकत्र करने में और आवंटन करने में कारगर सहयता प्राप्त हो रही है। इस प्रयोजन के लिए लेखो की ऐसी परीक्षा कर उन पर रिपोर्ट देना जिसे वह उचित समझे
  •  संघ या राज्य के किसी भी विभाग में रखे गये भंडार और स्टॉक के लेखो की लेखा परीक्षा करने एवं उस सरकार को रिपोर्ट देना
  •  नियंत्रक महालेखा परीक्षक अपने अपने कार्य को पूर्ण करने के लिए भारत सरकार व्दारा प्रदान की गई वित्तीय परिणाम वाली मंजूरिया राष्ट्रपति व्दारा जारी किये गये वित्तीय नियमो एवं सामान्य आदेशो से संबंधित मंजूरियो, सामग्री खरीदने के लिए रेलवे व्दारा आमंत्रित एवं स्वीकृत टेंडर तथा लेखा शाखा व्दारा रखे गये लेखा रिकोर्ड की लेखा परीक्षा करने के लिए जिम्मेदार है। यह जिम्मेदारी लेखा विभाग के साथ वार्षिक लेखा परीक्षा निरिक्षण कार्यक्रम तैयार कर तथा उसके अनुसार लेखा परीक्षा निरिक्षण कर पूर्ण की जाती है
शक्तिया 

अपने कर्तव्य पालन के संबंध में लेखा परीक्षा विभाग को निम्न शक्तिया है -
  • संघ या राज्य के नियंत्रण में किसी भी लेखा कार्यालयों का निरिक्षण करना जो उसे लेखा भेजते है
  •  लेखा परीक्षा की परिधि में आने वाले लेनदेनो से संबंधित संही दस्तावेजो, पुस्तकों, कागजो एवं लेखे आदि को ऐसे स्थान पर मंगवाने का अधिकार है  जहा वह अपने निरिक्षण के लिए नियत करे
  • कार्यालयों के प्रभारी से ऐसे प्रश्न पूछने या टिप्पणी देने का जो वह आवश्यक समझे तथा ऐसी सूचना मांगने का जिसकी उसे लेखा परीक्षा रिपोर्ट तैयार करने में आवश्यकता पड़े
ऑडिट आपत्तियों पर रिपोर्ट के प्रकार 

लेखा परीक्षा विभाग अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए अपना कार्य करता हैकार्य के परिणाम निम्नलिखित माध्यम से सूचित किये जाते है - 



निरिक्षण रिपोर्ट पार्ट II - कार्यकारी कार्यालयों एवं स्टेशनो के रिकोर्ड की लेखा परीक्षा के दौरान पाई गई छोटी - मोटी कम महत्वपूर्ण अनियमितताओं के लिए तैयार की जाती है। इसे तैयार करते समय निम्नलिखित बातो को ध्यान में रखा जाता है - 
  • पांच लाख रूपये से कम धन मूल्य की वित्तीय अनियमितताओं के लिए बनायीं जाती है।
  • मुख्यत: कार्यकारी कार्यालय की कमियों पर बनाई जाती है।
  • सहायक लेखा अधिकारी इसे बंद करने के लिए सक्षम है, यदि वह कार्यकारी कार्यालय व्दारा भेजे गये जबावो से संतुष्ट हो जाताहै। बंद करने की सूचना ऑडिट विभाग को भेज दी जाती है। यदि वहां से कोई उत्तर प्राप्त नही होता है तो इसे बंद मान लिया जाता है। यदि ऑडिट चाहे तो ऐसी बंद की गई निरिक्षण रिपोर्ट को समीक्षा के लिए मांगा जा सकता है यदि सहायक लेखा अधिकारी व्दारा लिये गये निर्णय से ऑडिट संतुष्ट है तो ठीक है, यदि संतुष्ट न हो तो इसे पुन: ओपन कर सकता है रिओपन की दशा मे रिओपन होने की तारीख से उसे एक नई निरिक्षण रिपोर्ट पार्ट - II माना जाता है।
  •  ऑडिट विभाग में इसकी समीक्षा / बंद करने की शक्ति सहायक ऑडिट ऑफिसर या उससे उच्च पदस्थ अधिकारी की होती है। 
  • यह रिपोर्ट जवाबो व्दारा या सहायक लेखा अधिकारी और सहायक ऑडिट ऑफिसर की व्दि - पार्टी या त्री पार्टी मिटिंग में बंद की जा सकती है। 
  • इसमें प्राय: अनेक पैरा होते है ।

निरीक्षण रिपोर्ट पार्ट - I : कार्यकारी कार्यालयों एवं स्टेशनो के रिकॉर्ड की लेखा परीक्षा के दौरान पाई गई गंभीर अनियमितताओ एवं आवृति स्वरूप के किसी भुगतान की आपत्ति के लिए तैयार की जाती है  इसे तैयार करते समय निम्नलिखित बातो को ध्यान में रखा जाता है - 
  • पांच लाख रूपये से अधिक धन मूल्य की वित्तीय अनियमितताओ के लिए बनायीं जाती है
  •  मुख्य आपत्तिया व कार्यपविधि में गलतियों से संबंधित होती है  
  •  जारी करने से पूर्व प्रिंसिपल डाइरेक्टरऑफ़ ऑडिट की अनुमति लेना आवश्यक है
  •  यह कार्यकारी कार्यालय के उत्तरों से बंद होती है या कार्यकारी, लेखा और ऑडिट विभाग की त्रि - पार्टी मिटिंग व्दारा बंद की जाती है  
  •  मुख्यत: कार्यकारी कार्यालयों की कमियों पर बनाई जाती है  
  •  प्रत्येक मद के लिए अलग - अलग पैरा होते है  
रफ ऑडिट नोट :  लेखा विभाग में रखे गये लेखो का मासिक लेखा परीक्षा के दौरान पाई गई बहुत ही सामान्य अनियमितताओ के लिए तैयार की जाती है।  इसे तैयार करते समय निम्नलिखित बातो को ध्यान में रखा जाता है -


  • लेखा विभाग की बहुत ही सामान्य (फोरी) गलतियों के विषय में जारी किया जाता है  
  •  इसका निपटारा 15 दिनों में हो जाना चाहिए वरना यह टेस्ट ऑडिट नोट पार्ट - II में परिवर्तित हो जाता है  
  •  टेस्ट ऑडिट नोट पार्ट - II में परिवर्तित हो जाताहै  
  •  टेस्ट ऑडिट नोट पार्ट - II बनने पर इसका निपटारा टेस्ट ऑडिट नोट पार्ट - II की तरह होता है  
  •  यह संबंधित विषय के अनुभाग अधिकारी को ऑडिट सैक्शन व्दारा दिया जाता है  
  •  यह जवाबो या वार्ता से बंद किया जाता है  
  •  यह सेक्शन ऑफिसर (ऑडिट) या उच्च अधिकारी व्दारा जारी किया जाता है  
  • इसे बंद करने में सक्षम अधिकारी सेक्शन ऑफिसर (ऑडिट) या उच्च अधिकारी है  

टेस्ट ऑडिट नोट पार्ट - II : लेखा विभाग में रखे गये लेखो का मासिक लेखा परीक्षा के दौरान पाई - गई सामान्य अनियमितताओ के लिए तैयार की जाती है इसे तैयार करते समय निम्नलिखित बातो को ध्यान में रखा जाता है 

मुख्यत: लेखा विभाग की गलतियों पर बनाया जाता है - 
  • यह किसी विशेष विषय पर ही बनाया जाता है  
  •  इसमें कम महत्वपूर्ण गलतियाँ शामिल की जाती है  
  •  इसे सहायक ऑडिट ऑफिसर या उच्च पदस्थ अधिकारी जारी करता है  
  •  यह रिपोर्ट जबावो व्दारा या सहायक लेखा अधिकारी व सहायक ऑडिट अधिकारी की व्दि - पार्टी मिटिंग में बंद करने हेतु सहायक ऑडिट ऑफिसर या उससे उच्च अधिकारी की सहमति आवश्यक है  
 टेस्ट ऑडिट नोट पार्ट - I - लेखा विभाग में रखे गये लेखो क मासिक लेखा परीक्षा के दौरान पाई गई महत्वपूर्ण अनियमितताओ के लिए तैयार की जाती है इसे तैयार करते समय निम्नलिखित बातो को ध्यान में रखा जाता है -
  • मुख्यत: लेखा विभाग की खामियों पर बनाया जाता है  
  •  इसमें प्राय: एक ही पैरा होता है व किसी खास मुद्दे को लेकर ही बनाया जाता है  
  •  इसमें मुख्यत: आपत्तिया /  कार्यविधि में कमियाँ शामिल होती है  
  •  जारी करने से पूर्व प्रिंसिपल डाईरेक्टर ऑफ़ ऑडिट की अनुमति आवश्यक है  
  •  यह रिपोर्ट जवाबो व्दारा या लेखा व ऑडिट की व्दि - पार्टी मिटिंग में बंद की जाती है  
  •  इसे मंडल ऑडिट ऑफिसर ही बंद कर सकता है  
  •  इसमें मुख्यत: गलत वर्गीकरण और गलत ऐलोकेशन के मुद्दे होते है  
 विशेष पत्र : लेखा विभागीय कार्यालयों एवं स्टेशन रिकॉर्ड की लेखा परीक्षा दौरान पाई गई अधिक गंभीर और महत्वपूर्ण अनियमितता के किसी विशेष मामले के संबंध में जारी किया जाता है इसे तैयार करते समय निम्नलिखित बातो को ध्यान में रखा जाता है : 
  • किसी विशेष खामी/कार्यविधि में कमी को ऑडिट विभाग व्दारा पकड़ा जाता है, तो उसे विशेष पत्र के माध्यम से जारी किया जाता है  
  •  इसमें 10 लाख रूपये या अधिक धन मूल्य की अनियमितताए होती है  
  • यह प्राय: कार्यकारी कार्यालय के दोष पर बनाया जाता है  
  •  इसे जारी करने से पूर्व प्रिंसीपल डाईरेक्टर ऑफ ऑडिट की अनुमति लेना आवश्यक है  
  • इसका निपटारा जबावो व्दारा या त्रि - पार्टी मिटिंग में किया जाता है  
  •  इसे बंद करने से पूर्व प्रिंसिपल डाईरेक्टर ऑफ ऑडिट की अनुमति लेना आवश्यक है  
  •  विशेष पत्र या तो ड्राप हो जाता है या प्राय: ड्राफ्ट पैरा में बदल जाता है ड्राफ्ट पैरा की धन संबंधी मूल्य 20 लाख रूपये या अधिक है इसे तो कभी - कभी एक ही प्रकृति के दो या तीन विशेष पत्रों को मिलाकर भी एक ड्राफ्ट पैरा बना दिया जाता है  
  •  ड्राफ्ट पैर में बदलने की अनुमति भी पी.डी.ए. कार्यालय देता है  
  •  ड्राफ्ट पैरा में बदलने की अनुमति भी पी.डी.ए. कार्यालय देता है 
  •  निरीक्षण रिपोर्ट पार्ट - I या टेस्ट ऑडिट नोट पार्ट - I भी ड्राफ्ट पैर में परिवर्तित हो सकते है, किंतु प्राय: विशेष पत्र ही या तो बंद हो जाते है या ड्राफ्ट पैरा में बदल जाते है यह प्राय: ड्राफ्ट पैरा बनाने हेतु एक मध्यवर्ती अवस्था है  
  •  ड्राफ्ट पैरा में परिवर्तित हो जाने पर विशेष पत्र स्वत: ही बंद हो जाता है  

प्राथमिक तथ्यात्मक विवरण : लेखा परीक्षा के दौरान मुख्य लेखा परीक्षा की निगाह में यदि कोई ऐसी अनियमितता आती है जिसकी कार्यवाही वह विभाग अध्यक्ष के स्तर पर कराना चाहता है, तो वह प्राथमिक तथ्यात्मक विवरण तैयार करता है।  इसे तैयार करते समय निम्नलिखित बातो को ध्यान में रखा जाता है - 

  • यह संबंधित कागजातों की प्रतियों के साथ विभाग अध्यक्ष को भेजा जाता है तथा एक प्रति वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी को भेजी जाती है  
  •  प्राथमिक तथ्यात्मक विवरण का पैरा अनुसार उत्तर उपविभाग अध्यक्ष व्दारा तैयार किया जाता है तथा विभाग अध्यक्ष के अनुमोदन से वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी को भेजा जाता है वित्त सलाहकार एवं मुख्या लेखा अधिकारी इसे जाँच पड़ताल कर मुख्य लेखा परीक्षक को भेज देता है  
  •  वित्त सलाहकार एवं मुख्या लेखा अधिकारी यदि आवश्यक हो तो त्रि - पक्षीय बैठक से मसौदे का निपटारा करता है  
  •  मुख्य लेखा परीक्षक प्राथमिक तथ्यात्मक विवरणों के जवाबो से तथा रेलवे प्रशासन व्दारा की कार्यवाही से संतुष्ट हो तो उसे बंद कर दिया हेयर है अन्यथा इसे ड्राफ्ट पैरा में बदल दिया जाता है  

ड्राफ्ट पैरा :  मुख्य लेखा परीक्षक व्दारा लेखा परीक्षा की गतिविधियों के दौरान पाई जाने वाली 20 लाख रूपये से अधिक धन मूल्य वाली गंभीर अनियमितताओ के लिए एक पैरा का प्रस्ताव किया जाता है, जिसे ड्राफ्ट पैर कहते है इसे तैयार करते समय निम्नलिखितबातो को ध्यान में रखा जाता है -


  • स्पेशल पत्र, ऑडिट नोट, निरिक्षण रिपोर्ट या प्राथमिक तथ्य विवरण आदि के जवाब संतोषजनक नही प्राप्त होते है तो इनको ड्राफ्ट पैर में बदला जाता है  
  • ड्राफ्ट पैरा छ: प्रतियों में तैयार किया जाता हईसकी प्रतियाँ निम्नानुसार भेजी जाती है - 

  1. प्रथम प्रति - महाप्रबंधक को व्यक्तिगत पते पर, 
  2. व्दितीय प्रति - वित्त सलाहकार और मुख्य लेखा अधिकारी की व्यक्तिगत,
  3. तृतीय प्रति - संबंधित विभागाध्यक्ष, 
  4. चतुर्थ प्रति - नियंत्रक महालेखा परीक्षक (रेलवे),
  5. पंचम प्रति - कार्यकारी निदेशक (लेखा) रेलवे बोर्ड व 
  6. षष्टम प्रति -  रिकोर्ड 

  • रेल प्रशासन को ड्राफ्ट पैरा की प्राप्ति के आठ सप्ताह के भीतर रेलवे बोर्ड के अनुमोदन से मुख्य लेखा परीक्षक का अंतिम उत्तर भेजना आवश्यक है  
  • उक्त समय की अनुपालना के लिए आवश्यक है की रेल प्रशासन ड्राफ्ट पैरा का ड्राफ्ट रिप्लाई तैयार क्र रेलवे बोर्ड के अनुमोदन हेतु यथाशीघ्र (अधिकतम 6 सप्ताह में ) कार्यकारी निदेशक (लेखा) रेलवे बोर्ड को भेजे 
  • इस हेतु ड्राफ्ट रिप्लाई संबंधित विभागाध्यक्ष व्दारा तैयार कर विभागाध्यक्ष से विधिक्षा करवा कर महाप्रबंधक को भेजा जाता है  
  • रेल प्रशासन व्दारा प्रस्तावित उत्तर को रेलवे बोर्ड के अनुमोदनार्थ भेजते समय महाप्रबंधक को निम्न सूचना के साथ भेजना चाहिए -

  1. मामले का इतिहास तथा संबंधित पत्राचार की प्रतियाँ जिनका ड्राफ्ट पैरा में उल्लेख नही है, 
  2. ड्राफ्ट पैरा पर वाक्यानुसार टिप्पणी, 
  3. जहा विषय वस्तु पर कारवाही करने में अधिक विलम्ब हुआ है वहा मामले का समय अनुसार सारांश, 
  4. ऐसे मामलो की भविष्य में पुनरावृत्ति रोकने के लिए की गई कार्यवाही व 
  5. अनुशासनिक पहलू जहा आवश्यक हो।  
  • रेलवे बोर्ड से अनुमति आने के बाद यह जवाब प्रिसिपल डाईरेक्टर ऑफ ऑडिट को दे दिया जाता है इस अनुमोदित जबाव की एक - एक प्रति निम्न आधिकारियो को दी जाती है - 
  1. अपर उप नियंत्रण महालेखा निरीक्षक (रेलवे) 
  2. कार्यकारी निदेशक (लेखा), रेलवे बोर्ड 
रेलवे बोर्ड की संविधाओ, योजनाओ और मंजूरी से संबंधित ड्राफ्ट पैरा सीधे रेलवे बोर्ड व्दारा प्राप्त किये जाते है और उनका निपटारा भी रेलवे बोर्ड करता है मुख्य लेखा परीक्षक के लिए उत्तर पत्रों और रेलवे बोर्ड के लिए रिपोर्टो की वेटिंग उप वित्त सलाहकार व्दारा की जायेगी और वित्त सलाहकार और मुख्य लेखा अधिकारी के व्यक्तिगत अनुमोदन के पश्चात इसे अंतिम रूप दिया जायेगा रेल प्रशासन व्दारा मुख्य लेखा परीक्षक को अंतिम उत्तर दिये जाने के बाद, रेलवे बोर्ड या मुख्य लेखा परीक्षक यदि कोई आगे पूछताछ करता है तो उस पर कार्यवाही अतिशीघ्रता से की जाएगी  

ड्राफ्ट पैरा के उत्तर प्राप्ति के बाद उसकी जाँच कर, भारत नियंत्रक महालेखा परीक्षक रेलवे संपादित पैराग्राफ को रेलवे बोर्ड के पास एक निश्चित अवधि के भीतर, तथ्यों के सत्यापन और ऐसे मुद्दों पर यदि आवश्यक हो तो, आगे स्पष्टीकरण के लिए भेजेगा जिसे रेलवे बोर्ड रिपोर्ट में शामिल करने के उद्देश्य देना चाहे इसके बाद ही ड्राफ्ट पैरा  को रेलवे की वार्षिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट में शामिल किया जाता है  


रेलवे बोर्ड के पत्र संख्या – 2003/एसी – II/17/3 दिनांक 27.8.2003 के अनुसार अपनी रेलवे के मामले में ड्राफ्ट पैरा का अंतिम जवाब महाप्रबंधक व्दारा अनुमोदन कर इसके प्राप्त होने के 6 सप्ताह के अंदर प्रिंसीपल डायरेक्टर ऑफ ऑडिट को भेजा जाता है यदि मसौदा एक से अधिक रेलवे से संबंधित है तो प्रिंसीपल डायरेक्टर ऑफ़ ऑडिट को अंतिम जवाब देने से पूर्व रेलवे बोर्ड का अनुमोदन आवश्यक है इस प्रकार के मामलो में अंतिम जवाब देने की समय सीमा ड्राफ्ट पैर प्राप्त होने की तारीख से 8 सप्ताह ही रहेगी 

ऑडिट पैरा : रेल प्रशासनो से प्राप्त ड्राफ्ट पैर के जबाव लेखा परीक्षा व्दारा जांचने के पश्चात इसे रेलवे की वार्षिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट में ऑडिट पैरा के रूप में शामिल किया जाता है इसे तैयार करते समय निम्नलिखित बातो को ध्यान में रखा जाता है : 

  • ऑडिट पैरा बनाने से पूर्व उप नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक रेलवे व्दारा तथ्यों के सत्यापन एवं स्पष्टीकरण के लिए रेलवे बोर्ड को भेजा जाता है  
  • यदि ऑडिट पैर में एक से अधिक रेले संबंधित है तो सभी के मामले अलग – अलग दर्शाये जाते है 
लेखा परीक्षा रिपोर्ट (रेलवे) 
रेलवे के लेखो की वार्षिक जाँच वित्तीय वर्ष (अप्रैल से मार्च तक) हेतु अपर उप नियंत्रक महालेखा परीक्षक व्दारा ऑडिट रिपोर्ट तैयार की जाती है  इसमें रेलवे के विनियोग लेखे और टिप्पणियाँ शामिल होती है इसी में ऑडिट पैरा भी शामिल कर लिये जाते है  यह रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान संसद के पटल पर रखी जाती है। संसद सदस्यों के बीच विचार – विमर्श होता है और गहन रूप से विचार करने के लिए इसे लोक लेखा समिति को सौप दिया जाता है इस समिति में लोक सभा राज्य सभा के दोनों सांसद होते है

लोक लेखा समिति ऑडिट रिपोर्ट के प्रत्येक पैर पर अपने आब्जर्वेशन देती है, फिर इस रिपोर्ट को संसद व रेलवे बोर्ड को भेज दिया जाता है  संसद में पुन: इस पर विचार किया जाता है  


रेलवे बोर्ड लोक लेखा समिति के व्दारा को आब्जर्वेशन दिये गये है, उन पर गंभीरता से विचार कर प्रत्येक पैरा के सामने अपने रिमार्क लिखता है लोक लेखा समिति से प्राप्त होने की तारीख से छ: माह के भीतर रेलवे बोर्ड व्दारा पुन: लोक लेकः समिति को यह रिपोर्ट लौटा दी जाती है लोक लेखा समिति व्दारा पुन: इसकी समीक्षा की जाती है  


ऑडिट आपत्तियों का उत्तर दिया जाना 

ऑडिट आपत्तियों का उत्तर लेखा कार्यालय व्दारा दिया जाता है इसके लीर निम्नलिखित कार्यविधि अपनाई जाती है –
  •  यदि आपत्ति लेखा कार्यालय से संबंधित है तो सुधारात्मक कार्यवाही करके तथ्यों से ऑडिट अधिकारी को सूचित किया जाता है  
  • यदि आपत्ति कार्यकारी कार्यालय से संबंधित है तो उनसे जवाब मंगवाकर तथ्यों को लेखा कार्यालय व्दारा सत्यापित किये जाते है । यदि जवाब अधूरे है तो पूर्ण जवाब संबंधित विभागों से मंगाये जाते है।  वसूली के मामलो में पेड बिल सत्यापित कर व सी. ओ. 6 और सी. ओ. 7 नंबर लिखकर ऑडिट विभाग को जबाव भेजा जाता है अन्य सभी मामलो में लेखा कार्यालय व्दारा जबावो की सच्चाई को परखकर अपने आब्जर्वेशन के साथ ऑडिट विभाग को जवाब भेजा जाता है 
  • लेखा परीक्षा विभाग ऐसे ही जवाबो को स्वीकार करता है जो उसे लेखा कार्यालय से या लेखा लेखा कार्यालय के माध्यम से प्राप्त होते है.  सीधे कार्यकारी कार्यालय से प्राप्त होने वाले जवाब को ऑडिट स्वीकार नही करता है। 

लेखा और ऑडिट के बीच असहमति 

यदि किसी ऑडिट आपत्ति के मामले में मुद्दे को लेकर ऑडिट और लेखा  में विवाद होता है, तो ऑडिट अधिकारी, लेखा अधिकारी को यह मामला उच्च स्तर पर भेजने के लिए कहता है। ऐसी स्थिति में लेखा अधिकारी उस आपत्ति के साथ अपनी टिप्पणी देकर उच्च अधिकारी को भेजता है  
रिकोर्ड की सुरक्षा 

ऑडिट आपत्तियों से संबंधित रिकोर्ड तब तक नष्ट नही किया जाता जब तक की इससे संबंधित आपत्तियों अंतिम रूप से बंद नही हो जाती है   

.

Disclaimer: The Information/News/Video provided in this Platform has been collected from different sources. We Believe that “Knowledge Is Power” and our aim is to create general awareness among people and make them powerful through easily accessible Information. NOTE: We do not take any responsibility of authenticity of Information/News/Videos.

Labels

Short Notes (25) Question Bank (17) Account & Finance (15) FINANCIAL RULES (13) Question & Answer (7) Functions of Accounts Department (3) STATION BALANCE SHEET (3) H.07 लेखा निरीक्षण (2) INDEX (2) RAILWAY BUDGET (2) 0 FINANCIAL RULES SYLLABUS (1) 1. RAILWAY BUDGET (1) 2. Rules of Allocation (1) 3. INVESTMENT PLANNING AND WORKS BUDGET (1) 5. STATION OUTSTANDING. (1) 6.0 RAILWAY BUDGET (Short Note) (1) 6.1 Cannons/Standards of Financial Propriety (1) 6.10 CONTROL OVER EXPENDITURE (1) 6.2 Consolidated Fund Of India (1) 6.4 RULES OF RE-APPROPRIATION (1) 6.7 AUGUST REVIEW (1) 6.9 APPROPRIATION ACCOUNT (1) 8.1 निविदा (Tender) (1) Account (1) Accounts (1) Audit & Audit Report (1) BOT / BOOT Schemes (1) CONTINGENCY FUND OF INDIA (1) Contract & Its Types (1) Earnest Money (1) FINAL MODIFICATION (1) H 1 रेलवे टेंडर सिस्टम (Railway Tender System) (1) H.01 रेलवे का इतिहास एवं संगठन (1) H.01.1रेलवे की परिभाषा और प्रबंध की संरचना (1) H.02 लेखा एवं वित्त (1) H.03 रेल लेखा की संकल्पना (1) H.04 रेल बजट (1) H.05 वित्त एवं व्यय पर नियंत्रण (1) H.06 सांविधिक लेखा - परीक्षा (1) H.08 सामान्य व्यय (1) H.09 कारखाना लेखा (1) H.10 भंडार लेखा (1) H.11 यातायात लेखा (1) H.12 रेलवे यातायात (1) H2. 19 बजट आदेश (Budget Order) / बजट आबंटन (Budget Allotment) में अन्तर (1) H2.01 Revised Estimate/Details Estimate में अंतर (1) H2.02 Abstract Estimate / Details Estimate में अंतर (1) H2.03 Revised Estimate / Supplementary Estimate में अंतर (1) H2.04 Completion Estimate / Completion Report में अंतर (1) H2.05 Delay Tender / Late Tender में अन्तर (1) H2.06 Single Tender / Single offer में अंतर (1) H2.07 ओपन टेंडर / लिमिटेड टेंडर में अंतर (1) H2.08. Earnest Money Deposit / Security Deposit में अन्तर (1) H2.09 Security Deposit / Performance Guarantee में अन्तर (1) H2.10 Deposit Miscellaneous / Miscellaneous Advance में अंतर (1) H2.11 On Account Bill / Final Bill में अंतर (1) H2.12 Rate Contract / Running Contract में अंतर (1) H2.13 Demand Payable / Demand Recoverable में अन्तर (1) H2.14 General Books / Subsidiary Books में अंतर (1) H2.15 Consolidated Fund समेकित निधि / Contingency Fund आकस्मिक में अंतर (1) H2.16 मूल्यह्रास संचय कोष (Depreciation Reserve Fund) / विकास कोष (Development Fund) में अन्तर (1) H2.17 Draft Para / Audit Para में अन्तर (1) H2.18 Traffic (Gross) Earning / Traffic (Gross) Receipt में अन्तर (1) H2.20 स्वीकृत व्यय (वोटेड Expenditure) / प्रभ्रत व्यय (Charged Expenditure) में अन्तर (1) H2.21 Estimate Committee / Public Committee में अन्तर (1) H2.22 Public Committee / Railway Convention committee में अन्तर (1) H2.23 Remittance Transaction / Transfer Transaction में अन्तर (1) H2.24 Stock Item / Non-Stock Items में अन्तर (1) H2.25 Co6 / Co7 में अंतर (1) H2.26 TC / JV में अन्तर (1) H8.2 परिचालन अनुपात (1) H8.3 वित्तीय औचित्य (1) H8.4 सर्वेक्षण (1) Letter of credit (1) Limited Tender (1) Local Purchase (1) Open Tender (1) REVISED AND DETAIL ESTIMATE में अंतर (1) Security Deposit (1) Single Tender (1) Special Limited Tender (1) Tender Committee (1) Tender Notice & Tender Documents (1) Traffic Earnings (1) Work Contracts (1) Zero Base Budget. (1) यातायात लेखा विभाग के कार्य (1)