रेलवे की परिभाषा : भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 धारा 2 (31) में यथा परिभाषित रेलवे से अभिप्राय है , 'रेल' से यात्रियों का माल के सार्वजनिक वहन के लिए या रेल का कोई भाग अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत निम्नलिखित भी है -
- रेल के अनुलग्न भूमि की सीमाए दर्शित करने वाली बाड़ या अन्य सीमा चिन्हों के भीतर की सब भूमि,
- रेलों के प्रयोजन के लिए या उसके संबंध में उपयोग में लाई जाने वाली सभी रेल लाइने, साइडिंग या यार्ड या शाखाए,
- रेल के प्रयोजन के लिए विधुत कर्षण उपस्कर, विधुत प्रदाय वितरण प्रतिष्ठापन,
- रेल के प्रयोजन के लिए या उसके संबंध में सन्निर्मित सभी चल स्टॉक, स्टेशन, कार्यालय भंडार संयंत्र तथा मशीनरी सड़के तथा गलिया, चालकवर्ग कमरे, विश्रामगृह, संस्थानअस्पताल जल संकर्म तथा जल प्रदाय प्रतिष्ठित कमर्चारियो निवास और कोई अन्य संकर्म
- ऐसे सभी यान जो रेल के यातायात के प्रयोजनों के लिए सड़क पर उपयोग में लाये जाते है और जो रेल के स्वामित्व में है, उसके व्दारा भाड़े पर लिये जाते है या चलाये जाते ह और
- ऐसे सभी नौघाट, पोत नौकाए और बेड़े जो किसी नहर, नदीम झील या अन्य नाव्य अन्तरदेशीय जल में रेल क्र यातायात के प्रयोजनों के लिए उपयोग में लाये जाते है और रेल प्रशासन के स्वामित्व में है, उसके व्दारा भाड़े पर लिये जाते है और रेल प्रशासन के स्वामित्व में है उसके व्दारा भाड़े पर लिये जाते है या चलाये जाते है।
रेल प्रबंध की संरचना
भारतीय संविधान के अधीन रेलों से सम्बंधित विधायी शक्ति केवल संसद में निहित होती है। रेलों से संबंधित कार्यपालक शक्ति भी संसद में निहित होती है और इस प्रकार रेलों पर भारत सरकार का स्वामित्व है। रेलवे बोर्ड रेलमंत्री के कार्यो के निर्वहन में उनकी सहायता करने वाला प्रमुख प्रशासकीय और कार्यपालक निकाय है। उसका गठन 18 फ़रवरी 1905 को किया गया था सन् 1923 से वित्त आयुक्त (रेलवे) को रेलवे बोर्ड के सदस्य के रूप में शामिल किया गया।
रेलमंत्रालय (रेलवे बोर्ड ) अपने वित्त का स्वयं नियंत्रण करता है और फिर भी रेलों के व्यय संबंधी बजट कार्यक्रम भारत सरकार की आय - व्यय बजट में शामिल करता है। रेलमंत्रालय को अपने बजट संबंधी प्रस्ताव, वित्त मंत्रालय और योजना आयोग के साथ पारस्परिक तालमेल बैठाकर तैयार करने पड़ते है। इस समय भारतीय रेल तंत्र 16 क्षेत्रो में बंटा हुआ है प्रत्येक क्षेत्रीय रेल प्रशासन का प्रधान महाप्रबंधक होता है जो अपनी रेल के परिचालन, अनुरक्षण और उसकी वित्तीय स्थिति के लिए रेलवे बोर्ड के प्रति उत्तरदायी होता है महाप्रबंधक को प्रधान कार्यालय में स्थित कई क्रियाशील विभागाध्यक्ष सहायता करते है क्षेत्रीय रेल प्रशासनो के अतिरिक्त अन्य उत्पादन युनिटे है प्रत्येक उत्पादन यूनिट एक महाप्रबंधक के अधीन है और अनुसंधान, अभिकल्प मानक संगठन का प्रधान भी महाप्रबंधक की श्रेणी का होता है ।