उदेश्य, जांच बिन्दु एवं जांच रिपोर्ट पर कार्यवाही (Audit & Audit Report)
स्थानीय निरीक्षण - उन मूल रिकार्डों का कार्य स्थल विशेष पर निरीक्षण करना जो लेखा कार्यालय में नही भेजे जाते स्थानीय निरीक्षण कहलाता है।
लेखा विभाग वित्त एवं व्यय के नियंत्रण एवं अनियमितताओं की जाँच करता है। कार्यकारी कार्यालयों व्दारा विभिन्न विवरणिया आय और व्यय की जाँच एवं भुगतान हेतु लेखा कार्यालयों को भेजी जाती है। जाँच का उद्देश्य तभी पूरा हो सकता है जब भेजी जाने वाली विवरणिया सही और शुद्ध हो एवं ये मूल रिकार्डों से मेल खाती हो।
चूकि लेखा
कार्यालय एवं कार्यकारी कार्यालयों अलग – अलग स्थिति होते है, अत: यह
आवश्यक है की लेखा विभाग समय – समय पर कार्यकारी कार्यालयों का निरीक्षण कर
विवरणियो की शुद्धता का पता लगाए की ये विवरणिया जिन मूल रिकार्ड से बनाई जा रही है, उनका रख रखाव दक्षता से किया जा रहा है। स्थानीय
निरीक्षण का उद्देश्य यह भी है की नियमों और आदेशों का सही रूप से अनुपालन की जा
रहा है।
स्थानीय
निरीक्षण के उद्देश्य
- मूल लेखों का निरीक्षण, क्योंकि वे लेखा कार्यालय में नही आते
है।
- लेखा को प्रेषित विवरणियो का
मूल रिकार्ड से मिलान करना कि ये उन्हीं से बनाई गई है।
- मूल रिकार्ड के रखरखाव की
व्यवस्था को देखना ताकि जरूरत पड़ने पर कोर्ट में प्रस्तुत करने लायक स्थिति
में रहे।
- उन लेखों की जाँच एवं परिरक्षण
करना जिनका स्थानीय लेखा निरीक्षण के सिवाय किसी ओर प्रकार परिरक्षण नही किया
जाता है।
- कटौतियाँ और वसूलिये सही रूप
से बिना विलम्ब की जा रही है।
- लेखा आपत्तियों का निपटान सही
प्राप्ति और निर्गमन लेखा सही प्रकार से किया जा रहा है
- भंडार में सामग्री का रखरखाव उचित तरीके से किया जा रहा है एवं परिसंपत्तियाँ निष्क्रिय नही है । उनका प्रयोग उसी उद्देश्य के लिए किया जा रहा है जिसके लिये अधिग्रहण किया गया था।
- रेलवे के संहिता नियमों, उपनियमों के अनुसार कार्य किया जा रहा है
स्थानीय
लेखा निरीक्षण का क्षेत्र
स्थानीय
लेखा निरीक्षण के क्षेत्र में वे सभी कार्यालय सम्मिलित है जहां के व्यय एवं आय
लेखा व्दारा जांचे जाते है अर्थात सभी खर्च व आय की मुख्य एवं प्राथमिक इकाइयाँ।
इसमें निम्न कार्यालय आते है -
- रेल पथ निरीक्षण का कार्यालय
- कार्यालय निरीक्षण का
कार्यालय
- मंडल कार्यालय
- भण्डार
- कारखाना
- निर्माण संगठन के सभी
कार्यालय
- रेलवे स्टेशन, आउट एजेसी आदि
- अन्य सभी कार्यकारी एवं उप
खंड कार्यालय जैसे : खान पान, प्रशिक्षण केंद्र इत्यादि
निरीक्षण कर्मचारी
स्टेशन
निरीक्षण - चल लेखा निरीक्षण (आय के लिए)
भण्डार निरीक्षण - भण्डार लेखा निरीक्षण एवं भण्डार सत्यापन
सभी कार्यकारी कार्यालय - अनुभाग अधिकारी व उनके साथ लेखा सहायक व लेखा लिपिक (खर्च के लिए )
निरीक्षण कार्यक्रम
स्टेशन निरीक्षण : नियमित प्रक्रिया के तहत
भण्डार निरीक्षण :
मटेरियल एट
साइट : वर्ष में एक बार
अग्रदाय
भण्डार : दो वर्ष में एक बार
टूल एंड प्लांट : तीन वर्ष में एक बार
डिपो में भण्डारित
ए श्रेणी के
डिपो - छ : माह में एक बार
बी श्रेणी के डिपो - एक माह में एक बार
सी श्रेणी के डिपो - दो वर्ष में एक बार
डी श्रेणी के डिपो - तीन वर्ष में एक बार
सभी कार्यकारी कार्यालय :
मण्डल
कार्यालय - दो वर्षों में एक बार
इंजीनियरिंग
विभाग - वर्ष में एक बार
निर्माण
कार्यालय - प्रारंभ होने से तीन महीने के अंदर
सभी उप खंड - दो वर्ष में एक बार
लेखाधिकारी, कार्यकारी अधिकारी के साथ अग्रिम वार्षिक निरीक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करता है, जिसकी एक प्रति संबंधित कार्यकारी अधिकारी को अग्रिम भेजी जाती है, जिससे निरीक्षण कार्य सुगमता पूर्वक सम्पन्न किया जा सके।
लेखा
निरीक्षण के जाँच के बिन्दु
हाला कि हर स्थानीय
लेखा निरीक्षण के जाँच बिन्दु उसकी प्रकृति पर निर्भर करते है जैसे - चल लेखा
निरीक्षण व्दारा स्टेशन निरीक्षण के दौरान रोकड़ अग्रदाय टिकट स्टॉक एवं माल पार्सल
बुकिंग से लेकर तुलन पत्र, तुलन मशीन, चलती गाड़ी में निरीक्षण इत्यादि सभी कुछ जाँच सकता
है। इसी प्रकार भण्डार निरीक्षण में सामग्री के पुस्तक, शेषो और वास्तविक शेषो के स्थिति एवं रखरखाव, निर्गमन, उपयोग इत्यादि पर विस्तार से निरीक्षण करता है।
कुछ सामान्य अभिलेख जो प्रायः: सभी संबंधित
कार्यालयों में जांचे जाते है-
- केश इम्प्रेस्ट लेखा
- पोस्टेज स्टेम्प लेखा
- उपस्थिति रजिस्टर
- अवकाश खता
- बिल रजिस्टर
- निविदाए
- खरीद आदेश रजिस्टर
- संयंत्र एवं औजार रजिस्टर
- वर्दी रजिस्टर
- स्टेशनरी रजिस्टर
- कर्मचारी भुगतान बिल रजिस्टर
- यात्रा भत्तों की जाँच
- भण्डार स्थानांतरण आदेश
- डीजल बुक
- मनी वेल्यू बुक
- पास - पी.टी.ओ. लेखा
- भण्डार टेली बुक
- स्टाफ सर्विस शीट
- स्क्रैप यार्ड
- वाहन लॉग बुक
- निरीक्षण रिपोर्ट
लेखा विभाग व्दारा उपर्युक्त अभिलेखों और उन पर आधारित रजिस्टरों की सूक्ष्मता से जाँच की जाती है। जिन मदों से निरीक्षण कर्ता संतुष्ट नही होता है उनकी एक विस्तृत निरीक्षण तैयारी की जाती है। यह निरीक्षण रिपोर्ट दो भागो में होती है, पहले भाग में गंभीर अनियमितताओं का हवाला दिया जाता है और दूसरे भाग में छोटी - मोती गलतियां दिखाई जाती है -
निरीक्षण
रिपोर्ट भाग - I
-
- यह रिपोर्ट चार प्रतियों में
बनाई जाती है, जिसकी एक प्रति रिकार्ड में
रखकर तीन प्रतियों निरीक्षित अधिशाषी कार्यालय के उच्च अधिकारी को भेजी जाती है।
- उच्च अधिकारी इनमें से 1
प्रति अपने रिकार्ड में रखता है और 2 प्रतियाँ निरीक्षित कार्यालय को भेजता
है।
- निरीक्षित कार्यालय रिपोर्ट
के उत्तर के साथ एक प्रति उच्च अधिकारी को लौटाता है और एक प्रति रिकार्ड में
रखता है।
- उच्च अधिकारी उत्तरों की जाँच
करता है और अपनी टिप्पणी के साथ उत्तरों को लेखा कार्यालय भेज देता है।
- लेखा कार्यालय उत्तरों से सहमत होने पर रिपोर्ट बंद कर देता है, यदि लेखा कार्यालय उत्तरों से सहमत नही होता है तो निरीक्षण रिपोर्ट की एक प्रति अधिशाषी कार्यालय को भेजी जाती है ताकि जरूरत पड़ने पर वार्तालाप की जा सके।
निरीक्षण रिपोर्ट भाग - II -
- यह रिपोर्ट दो प्रतियों में
बनाई जाती है इसकी एक प्रति संबंधित निरीक्षण अधिशाषी कार्यालय को भेजी जाती
है।
- निरीक्षित अधिशाषी कार्यालय
रिपोर्ट का जवाब सीधे लेखा कार्यालय को भेजता है।
- लेखा कार्यालय जवाबों से
संतुष्ट होने पर रिपोर्ट को बंद कर देता है