स्टेशन आय का प्रेषण
स्टेशन पर प्राप्त आय को प्रेषण करने की जिम्मेदारी स्टेशन मास्टर की होती है स्टेशन मास्टर व्दारा स्टेशन आय का प्रेषण दो प्रकार से किया जाता है।
रोकड़ प्रेषण - पत्र व्दारा : दिन की समाप्ति पर आरक्षण कार्यालय पार्सल कार्यालय और सामान्य कार्यालय की आय बुकिंग कार्यालय में मुख्य मुख्य बुकिंग पर्यवेक्षक के पास जमा की जाती है।मुख्य बुकिंग पर्यवेक्षक व्दारा डी.टी.सी. बुक में कोचिंग आय की समरी बनायीं जाती है।डी.टी.सी. बुक की समरी में कोचिंग आय और विवध आय को रोकड़ और वाउचर के रूप में अलग - अलग लिखी जाती है।मुख्य बुकिंग पर्यवेक्षक व्दारा दिनभर में प्राप्त कोचिंग और माल आय को रोकड़ और वाउचर के रूप में स्टेशन मास्टर के पास जमा कराई जाती है इसी तरह मुख्य माल परिवेक्षक व्दारा माल आय का लेखा माल सामान्य रोकड़ बही में किया जाता है और दिनभर में प्राप्त समस्त माल आय को रोकड़ और वाउचर के रूप में स्टेशन मास्टर के पास जमा कराई जाती है।
स्टेशन मास्टर व्दारा कोचिंग और माल आय के लिए अलग - अलग रोकड़ प्रेषण - पत्र बनाये जाते है।
गार्ड हस्ताक्षर बुक में केश बैग की प्रविष्टी करने के बाद केश बैग को एक बक्से में रखकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के साथ स्टेशन मास्टर व्दारा गाड़ी आने के दो मिनिट पूर्व उस स्थान पर ले जाया जाता है।जहा गार्ड ब्रेकवान आकर रुकता है ब्रेकवान में रखी चल - तिजौरी में चतुर्थ श्रेणी गार्ड और स्टेशन मास्टर की उपस्थिति में केश बैग डाले जाते है स्टेशन मास्टर व्दारा गार्ड से गार्ड हस्ताक्षर पुस्तक पर हस्ताक्षर लिये जाते है गार्ड व्दारा अपने मेमो पर स्टेशन मास्टर से हस्ताक्षर लिये जाते है।इस प्रकार चल तिजौरी में अंतिम स्टेशन व्दारा केश बैग डालने के बाद गार्ड व्दारा गार्ड मेमो पर हस्ताक्षर क्र एक प्रति चल तिजौरी में डाली जाती है और एक प्रति गार्ड अपने पास रखता है।
चल तिजौरी - यह इस्पात की बनी मजबूत तिजौरी होती है जो वजन में बहुत भारी होती है जिसके दो दरवाजे होते है साइड वाला दरवाजा रोकड़ कार्यालय व्दारा बंद कर ताला लगा दिया जाता है और ताले को सील बंद किया जाता है इसके उपर वाला दरवाजा इस प्रकार बना होता है की इसमें केश बैगडाले जा सकते है परन्तु निकाले नही जा सकते ।
अंतिम स्टेशन व्दारा चल तिजौरी का उपर का दरवाजा बंद कर सील किया जाता है तथा इसे एफ. एस. पर बुक कर रोकड़ कार्यालय को भेज दिया जाता है।
रोकड़ कार्यालय में चल तिजौरी प्राप्त होने पर आर.पी.एफ. एवं रोकड़साक्षी के समक्ष इसे खोली जाती है।चल तिजौरी से निकालें गये केश बैगो का मिलान गार्ड मेमो से किया जाता है इसके बाद मुख्य रोकडिये व्दारा स्टेशनो के अनुसार रजिस्टर में केश बैगो का लेखा किया जाता है।
इसके बाद कैश बैग को शर्राफ को गणना और जाँच के लिए दिया जाता है।शर्राफ रोकड़ साक्षी के साथ केश बैग को खोल कर रोकड़ की गणना और जाँच करता है जैसे ही केश बैग खोला जाता है।रोकड़ साक्षी व्दारा सी.आर. नोट की दूसरी और तीसरी प्रति अपने कब्जे ले ली जाती शर्राफ व्दारा रोकड़ की गणना और जाँच के बाद सी.आर. नोट की दूसरी प्रति के साथ मिलान किया जाता है।सही पाये जाने पर सी. आर. नोट की तीसरी प्रति पर रोकड़ विवरण व पावती लिखी जाती है तथा दोनों प्रतियों पर केश ऑफिस की मोहर लगाकर रोकड़ साक्षी और तीसरी प्रति फाडकर अलग - अलग की जाती है तथा तीसरी प्रति खाली केश बैग में रखकर स्टेशन को लौटा दी दी जाती है दूसरी प्रति से रोकड़ कार्यालय में रखे रजिस्टर में प्रविष्टि कर इसे यातायात लेखा कार्यालय को भेजी जाती है।
स्टेशन पर सी.आर. नोट की तीसरी प्रति प्राप्त होने पर इनका मिलान प्रथम प्रति के साथ किया जाता है और इसी के साथ चिपका दी जाती है।
दूसरी प्रति के आधार पर रोकड़ कार्यालय एक चेक नोट दो प्रतियों में बनाता है चेक नोट में रोकड़ प्राप्ति के रेलवे स्टेशनो में भौगोलिक क्रम में छपे होते है जिनके आगे उस दिन का रोकड़ दर्ज किया जाता है इसकी एक प्रति के साथ संबंधित सभी रोकड़ प्रेषण पत्र संलग्न कर लेखा कार्यालय भेज दिया जाता है लेखा कार्यालय में इस चेक नोट से प्रत्येक स्टेशन से प्राप्त रोकड़ एक रजिस्टर में दर्ज की जाती है इस रजिस्टर में प्रत्येक स्टेशन के लिए एक पृष्ठ होता है जिसमे उस स्टेशन से प्राप्त रोकड़ तिथिवार दर्ज की जाती है इस रोकड का मिलान स्टेशन से प्राप्त तुलन पत्र में दर्ज रोकड़ प्रेषण विवरण से किया जाता है।
इस प्रकार यह सुनिश्चित हो जाता है की एक स्टेशन व्दारा एकत्र सम्पूर्ण रोकड़ प्रेषित के दी गई है एवं इसे सही प्रकार से लेखे में लिया गया है ।
रोकड़ सीधे बैंक में जमा कराना : उपरोक्त रोकड़ प्रेषण पध्दति में केश बैग तथा चल तिजौरी (टी.सी.सैफ.) की कमी के कारण तथा रोकड़ कार्यालय में स्टाफ की कमी को ध्यान में रखते हुए रेल प्रशासन ने स्टेशन आय को सीधे बैंक में जमा कराने का निर्णय लिया जिन स्टेशनो पर आय बहुत अधिक मात्रा में होती है और उन स्टेशन पर राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा उपलब्ध होती है।ऐसे स्टेशनो को अपनी आय बैंक में जमा कराने के लिए रेल प्रशासन ने नामित किता है नामित स्टेशन को रेल प्रशासन ने आय जमा कराने के लिए एक लेखा शीर्ष दिया है जिसमे स्टेशन आय को क्रेडिट किया जाता है।ऐसे स्टेशन पर प्राप्त होने वाली रोकड़ के लिए स्टेशन मास्टर व्दारा बैंक चालान फर्मो तीन प्रतियों में में बनाया जाता है।बैक चालान फार्म के साथ रोकड़ को पूरी सुरक्षा के साथ बैक में ले जाया जाता है इसके लिए नियमानुसार टेक्सी भाडा भी स्टेशन आय से निकाला जाता है बैंक मव केशियर व्दारा रोकड़ प्राप्त करने के पश्चात् चालान की तीनो प्रतियों पर प्राप्ति की सील लगाकर हस्ताक्षर किये जाते है बैंक चालान की एक प्रति बैंक में रखी जाती है और दो प्रतियाँ स्टेशन मास्टर को दी जाती है।
स्टेशन पर स्टेशन मास्टर व्दारा आय के लिए सी.आर. नोट तीन प्रतियों में तैयार किया जाता है तथा सी.आर. नोट की दूसरी और तीसरी प्रतियों के साथ बैंक चालान की एक प्रति केश बैग में भरकर केश ऑफिस भेजी जाती है बैक चालान की एक प्रति स्टेशन पर रिकोर्ड में राखी जाती है।महीना समाप्त होने पर बैंक व्दारा महीने के दौरान जमा राशि का मासिक विवरण चार प्रतियों में तैयार किया जाता है जिसकी दो प्रतियों स्टेशन को भेजी जाती है तथा एक प्रति बैंक मुख्यालय व एक प्रति रिकोर्ड में रखी जाती है।
स्टेशन पर स्टेशन मास्टर व्दारा आय के लिए सी.आर. नोट तीन प्रतियों में तैयार किया जाता है तथा सी.आर. नोट की दूसरी और तीसरी प्रतियों के साथ बैंक चालान की एक प्रति केश बैग में भरकर केश ऑफिस भेजी जाती है बैक चालान की एक प्रति स्टेशन पर रिकोर्ड में राखी जाती है।महीना समाप्त होने पर बैंक व्दारा महीने के दौरान जमा राशि का मासिक विवरण चार प्रतियों में तैयार किया जाता है जिसकी दो प्रतियों स्टेशन को भेजी जाती है तथा एक प्रति बैंक मुख्यालय व एक प्रति रिकोर्ड में रखी जाती है।
स्टेशन व्दारा मासिक विवरण से तुलन पत्र की राशि का मिलान कर विवरण की एक प्रति तुलन - पत्र के साथ यातायात लेखा कार्यालय को भेजी जाती है और एक प्रति रिकोर्ड में राखी जाती है।
वाउचरो का प्रेषण : स्टेशन पर प्राप्त होने वाले केश वाउचरो के लिए प्रतिदिन अलग से सी.आर. नोट बनाया जाता है।सी.आर. नोट की दूसरी और तीसरी प्रति के साथ केश वाउचरो को नत्थी कर एक लिफाफे में रखकर सील किया जाता है एक अवधि समाप्त होएं के पश्चात् कुरियर के व्दारा सभी लिफाफों को सीधे यातायात लेखा कार्यालय को भेजा जाता है।