अध्याय 27 - रेलवे में लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली (Public Financial Management System in Railways – PFMS)

 

अध्याय 27

रेलवे में लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली (Public Financial Management System in Railways – PFMS)


लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली (PFMS) भारत सरकार की एक केंद्रीयकृत डिजिटल व्यवस्था है, जिसका उद्देश्य सरकारी धनराशि के प्रवाह (Fund Flow), व्यय (Expenditure) और भुगतान (Payments) को अधिक पारदर्शी, दक्ष और वास्तविक समय (Real-time) में उपलब्ध कराना है। इस प्रणाली को वित्त मंत्रालय के अधीन Controller General of Accounts (CGA) द्वारा संचालित किया जाता है। भारतीय रेल, जो विश्व के सबसे बड़े परिवहन संगठनों में से एक है, अपने विशाल राजस्व और व्यय प्रबंधन में PFMS को एक महत्वपूर्ण आधार के रूप में अपना चुकी है। इस अध्याय में PFMS की पृष्ठभूमि, रेलवे में इसकी उपयोगिता, एकीकरण, लाभ, चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।


1. PFMS का परिचय (Introduction to PFMS)

PFMS की शुरुआत वर्ष 2009 में हुई थी, जब इसे प्रारंभ में Central Plan Scheme Monitoring System (CPSMS) के नाम से विकसित किया गया। उस समय इसका उद्देश्य केवल केंद्रीय योजनाओं की निधियों के आवंटन और उपयोग की निगरानी करना था। बाद में इसकी कार्यक्षमता का विस्तार किया गया और इसे एक पूर्ण डिजिटल वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के रूप में विकसित किया गया।

आज PFMS का दायरा अत्यंत व्यापक है। भारत सरकार के लगभग सभी मंत्रालय, विभाग और स्वायत्त निकाय इस प्रणाली से जुड़े हुए हैं। PFMS की विशेषता यह है कि यह सीधे बैंकों के Core Banking System से जुड़कर वास्तविक समय में भुगतान और व्यय की स्थिति उपलब्ध कराता है। इस प्रकार यह केवल लेखांकन का उपकरण नहीं है, बल्कि वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही का भी माध्यम है।


रेलवे जैसी विशाल और बहुआयामी संस्था, जिसमें लाखों कर्मचारी, हजारों ठेकेदार और अनेक परियोजनाएँ कार्यरत हैं, वहां PFMS वित्तीय प्रबंधन की रीढ़ बन चुकी है। रेलवे बोर्ड तथा वित्त मंत्रालय की समन्वित नीतियों के अंतर्गत PFMS का प्रयोग विशेष रूप से अनुबंध भुगतान, वेतन और पेंशन, परियोजना व्यय, और अनुदान की पारदर्शी निगरानी हेतु किया जा रहा है।

2. रेलवे में PFMS का महत्व (Importance of PFMS in Railways)

भारतीय रेल का वार्षिक बजट कई लाख करोड़ रुपये तक पहुँचता है। इतने विशाल वित्तीय प्रवाह में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। PFMS इस संदर्भ में निम्नलिखित प्रमुख महत्व रखता है:

  1. रियल-टाइम भुगतान (Real-time Payments): PFMS के माध्यम से आपूर्तिकर्ताओं, ठेकेदारों और कर्मचारियों को भुगतान शीघ्र और सीधे उनके बैंक खातों में किया जा सकता है। इससे भुगतान में देरी और बिचौलियों की समस्या समाप्त होती है।
  2. पारदर्शिता (Transparency): प्रत्येक भुगतान और व्यय का डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध रहता है, जिसे कभी भी सत्यापित किया जा सकता है।
  3. लीकेज रोकथाम (Leakage Prevention): Direct Benefit Transfer (DBT) की व्यवस्था ने सुनिश्चित किया है कि सरकारी धन सीधे लाभार्थियों तक पहुँचे और बीच के स्तरों पर दुरुपयोग की संभावना न रहे।
  4. जवाबदेही (Accountability): चूँकि सभी भुगतान डिजिटल रूप से रिकॉर्ड होते हैं, इसलिए प्रत्येक अधिकारी और विभाग अपनी जिम्मेदारी के प्रति अधिक उत्तरदायी बनते हैं।
  5. वित्तीय नियंत्रण (Financial Control): PFMS वास्तविक समय में व्यय की जानकारी उपलब्ध कराता है, जिससे बजट प्रबंधन और व्यय नियंत्रण आसान हो जाता है।

3. PFMS की प्रमुख विशेषताएँ (Salient Features of PFMS)

PFMS को अन्य वित्तीय प्रणालियों से अलग और श्रेष्ठ बनाने वाली कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  1. Fund Flow Tracking: मंत्रालय से लेकर अंतिम लाभार्थी तक धन के प्रवाह की संपूर्ण निगरानी।
  2. Expenditure Management: सभी व्ययों का रियल-टाइम ट्रैकिंग और विश्लेषण।
  3. DBT (Direct Benefit Transfer): छात्रों, पेंशनरों और अन्य लाभार्थियों को सीधे भुगतान।
  4. e-Payment System: RTGS/NEFT तथा National Electronic Fund Transfer (NEFT) के माध्यम से भुगतान।
  5. Integration with CBS: PFMS 90 से अधिक बैंकों के कोर बैंकिंग सिस्टम से सीधे जुड़ा हुआ है।
  6. MIS Reports: नीति-निर्माताओं और प्रबंधकों के लिए विस्तृत रिपोर्टिंग सुविधा।

4. रेलवे में PFMS का उपयोग

रेलवे में PFMS का प्रयोग विभिन्न प्रकार की वित्तीय गतिविधियों में किया जा रहा है, जैसे:

(क) अनुबंध भुगतान (Contract Payments):

रेलवे में बड़ी संख्या में निर्माण और रखरखाव अनुबंध होते हैं। PFMS के माध्यम से ठेकेदारों और आपूर्तिकर्ताओं को सीधे ई-भुगतान किया जाता है। इससे भुगतान की गति तेज़ हुई है और भ्रष्टाचार की संभावनाएँ घटी हैं।

(ख) वेतन और पेंशन (Salary & Pension):

भारतीय रेल के लगभग 12 लाख कर्मचारी और बड़ी संख्या में पेंशनर PFMS के अंतर्गत सीधे अपने खातों में भुगतान प्राप्त करते हैं। इससे देरी और गड़बड़ी की संभावना न्यूनतम हो गई है।

(ग) सब्सिडी और अनुदान (Subsidies & Grants):

केंद्र सरकार द्वारा रेलवे परियोजनाओं हेतु दी जाने वाली सहायता राशि का ट्रैकिंग PFMS द्वारा किया जाता है।

(घ) परियोजना व्यय (Project Expenditure):

बड़ी पूंजीगत परियोजनाओं पर होने वाले व्ययों की रियल-टाइम निगरानी PFMS द्वारा की जाती है, जिससे परियोजनाओं की गति और दक्षता बढ़ती है।

5. PFMS और रेलवे की अन्य प्रणालियों का एकीकरण (Integration with Railway Systems)

PFMS को रेलवे की अन्य डिजिटल प्रणालियों से जोड़ा गया है ताकि वित्तीय प्रबंधन और भी सहज एवं समन्वित हो सके:

  1. IPAS (Integrated Payroll & Accounting System): वेतन, पेंशन और लेखांकन प्रणाली का PFMS से एकीकरण।
  2. IREPS (Indian Railways E-Procurement System): ई-टेंडरिंग और भुगतान व्यवस्था का तालमेल।
  3. E-Office: फाइल प्रबंधन, नोटिंग और वित्तीय स्वीकृति की डिजिटल प्रक्रिया।
  4. Treasury Systems: सरकारी कोषागार और बैंकों के साथ भुगतान का सीधा समन्वय।

6. PFMS से होने वाले लाभ (Benefits of PFMS in Railways)

  1. भुगतान की गति में वृद्धि और ठेकेदारों का विश्वास अर्जित करना।
  2. डुप्लीकेट और फर्जी भुगतान की रोकथाम।
  3. रियल-टाइम वित्तीय डेटा और विश्लेषण की सुविधा।
  4. भ्रष्टाचार और धन के दुरुपयोग में कमी।
  5. रेलवे के लिए दीर्घकालिक वित्तीय नियोजन में सहयोग।

7. रेलवे में PFMS कार्यप्रवाह (Workflow in Railways)

रेलवे में PFMS कार्यप्रवाह इस प्रकार संचालित होता है:

  1. बिल जनरेशन: IPAS या IREPS से संबंधित बिल तैयार होते हैं।
  2. वित्तीय स्वीकृति: अधिकारी E-Office के माध्यम से डिजिटल अनुमोदन देते हैं।
  3. PFMS Integration: भुगतान का सत्यापन और डेटा PFMS में स्थानांतरित।
  4. Banking Transaction: CBS के माध्यम से सीधे लाभार्थी को भुगतान।
  5. Confirmation & MIS Reporting: ऑटोमैटिक रिपोर्ट और ट्रैकिंग की सुविधा।

8. PFMS और DBT (Direct Benefit Transfer in Railways)

रेलवे ने विभिन्न योजनाओं में DBT को लागू किया है। उदाहरण के तौर पर, प्रशिक्षण संस्थानों में छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति सीधे उनके खातों में प्रदान की जाती है। इसके अलावा, विशेष योजनाओं और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में भी भुगतान सीधे लाभार्थियों के खातों में किया जाता है। PFMS ने इस प्रक्रिया को पूर्णत: पारदर्शी और छेड़छाड़-रहित बनाया है।

9. चुनौतियाँ (Challenges in PFMS Implementation in Railways)

द्यपि PFMS (Public Financial Management System) ने रेलवे की वित्तीय व्यवस्था में क्रांतिकारी सुधार किया है, फिर भी इसके कार्यान्वयन में कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं। तकनीकी अवसंरचना की सीमाओं के कारण सिस्टम की पूर्ण क्षमता का उपयोग कठिन हो जाता है। बैंकों के साथ रियल-टाइम समन्वय सुनिश्चित करना एक जटिल प्रक्रिया है, जो भुगतान की गति और सटीकता को प्रभावित कर सकता है। कर्मचारियों और अधिकारियों को लगातार नियमित प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, ताकि वे नई तकनीकों का कुशल उपयोग कर सकें। बड़ी परियोजनाओं में डेटा इंटीग्रेशन जटिल और समय-साध्य होता है। इसके अतिरिक्त, साइबर सुरक्षा जोखिम भी एक गंभीर चिंता है, क्योंकि PFMS सीधे वित्तीय लेन-देन से जुड़ा हुआ है और संवेदनशील डेटा की सुरक्षा सर्वोपरि है।

10. आधुनिक सुधार और भविष्य की दिशा (Modern Reforms & Future Directions)

वर्तमान समय में सरकार PFMS को और अधिक उन्नत बनाने तथा चुनौतियों को दूर करने के लिए अनेक सुधार कर रही है। AI आधारित एनालिटिक्स का प्रयोग असामान्य व्यय की पहचान और धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए किया जा रहा है। Blockchain Technology के माध्यम से छेड़छाड़-रोधी भुगतान रिकॉर्ड तैयार किए जा रहे हैं, जिससे पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़े। Mobile PFMS Apps अधिकारियों को कहीं भी, रियल-टाइम निगरानी और नियंत्रण की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। Integrated National Dashboard के माध्यम से सभी मंत्रालयों और विभागों को एक साझा मंच उपलब्ध कराया गया है। साथ ही, Cyber Security को और मज़बूत करने के लिए अत्याधुनिक उपाय लागू किए जा रहे हैं, ताकि भुगतान डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

11. केस स्टडी – PFMS और रेलवे परियोजना भुगतान

PFMS लागू होने से पहले रेलवे ठेकेदारों को भुगतान प्राप्त करने में तीन से छह महीने तक का समय लगता था। इससे न केवल परियोजनाओं की गति प्रभावित होती थी, बल्कि ठेकेदारों का विश्वास भी डगमगा जाता था। किंतु PFMS के लागू होने के बाद अधिकांश अनुबंध भुगतानों का निपटारा 30 दिनों के भीतर होने लगा है। इस बदलाव ने ठेकेदारों का भरोसा बढ़ाया है और रेलवे परियोजनाओं की प्रगति भी तेज़ हुई है। PFMS का यह प्रभाव स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पारदर्शिता, गति और जवाबदेही को मजबूत करने में यह प्रणाली कितनी प्रभावी साबित हुई है।

12. निष्कर्ष (Conclusion)

PFMS ने भारतीय रेल के वित्तीय प्रबंधन की पारंपरिक प्रणाली को पूर्णतः आधुनिक, डिजिटल और पारदर्शी बना दिया है। अब प्रत्येक भुगतान रियल-टाइम, ट्रेस करने योग्य और छेड़छाड़-रहित है। इससे रेलवे की वित्तीय विश्वसनीयता में वृद्धि हुई है और भ्रष्टाचार व धन-लीकेज की संभावनाएँ न्यूनतम हो गई हैं।

भविष्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence), ब्लॉकचेन (Blockchain) और साइबर सुरक्षा (Cyber Security) आधारित तकनीकों के एकीकरण से PFMS और अधिक प्रभावी, भरोसेमंद और विश्वस्तरीय बन सकेगा। रेलवे के लिए यह केवल एक लेखांकन प्रणाली नहीं, बल्कि वित्तीय अनुशासन और प्रशासनिक दक्षता की नई परिभाषा है।

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