Annexure – III
भारतीय रेल में विनियोजन लेखे एवं प्रक्रिया (Appropriation Accounts & Process in Indian
Railways)
रेलवे का
बजटीय ढाँचा विशाल और जटिल है। इतने बड़े संगठन में केवल बजट बनाना ही पर्याप्त
नहीं होता, बल्कि उस पर लगातार निगरानी रखना और वास्तविक
व्यय की तुलना अनुमोदित अनुदानों (Grants) से करना भी
अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य के लिए Appropriation Accounts तैयार किए जाते हैं। यह प्रणाली न केवल वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करती
है, बल्कि संसद और जनता के प्रति रेलवे की जवाबदेही को भी
स्थापित करती है।
1. Appropriation Accounts का अर्थ और महत्व
Appropriation Accounts ऐसे विशेष खातों को कहा जाता है जिनमें किसी वित्तीय वर्ष के लिए संसद द्वारा स्वीकृत Grants और वास्तविक व्यय की तुलना प्रस्तुत की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य यह देखना है कि सरकार या रेलवे प्रशासन ने जितनी राशि खर्च करने के लिए संसद से स्वीकृति प्राप्त की थी, क्या वह वास्तविक व्यय के अनुरूप खर्च हुई या नहीं।
रेलवे के संदर्भ में:
रेलवे मंत्रालय प्रत्येक
वर्ष संसद से कुल 16 Demands for
Grants के लिए अनुमति प्राप्त करता है। संसद इन्हें Appropriation Act के माध्यम से विधिक बल प्रदान करती है, ताकि ये खर्च वैधानिक रूप से मान्य हों। वर्ष के अंत
में प्रत्येक Demand के तहत हुए
वास्तविक व्यय की तुलना अनुमोदित राशि से की जाती है। यदि कोई व्यय अनुमोदित राशि
से अधिक होता है, तो इसका विवरण
और कारण भी Appropriation
Accounts में दर्ज किया जाता है। यह प्रक्रिया रेलवे वित्तीय प्रबंधन की पारदर्शिता और
अनुशासन सुनिश्चित करती है।
महत्व:
वित्तीय अनुशासन: Appropriation Accounts यह सुनिश्चित
करते हैं कि कोई भी व्यय संसद की पूर्व स्वीकृति के बिना न किया जाए। यह सरकारी धन
के अनुचित उपयोग को रोकता है।
पारदर्शिता: ये खाते संसद और Public Accounts Committee (PAC) को वास्तविक
व्यय की पूरी जानकारी प्रदान करते हैं, जिससे वित्तीय प्रबंधन में स्पष्टता आती है।
उत्तरदायित्व: रेलवे प्रशासन को
प्रत्येक खर्च के लिए जवाबदेह होना पड़ता है। यदि किसी Demand पर अधिक या कम व्यय हुआ, तो उसका कारण स्पष्ट करना अनिवार्य है। इससे प्रशासन
की जिम्मेदारी और जवाबदेही बनी रहती है।
2.
Appropriation Process
रेलवे बजट के अनुमानित व्यय और वास्तविक व्यय के बीच
संतुलन बनाए रखने के लिए
Appropriation Process कई चरणों में संपन्न होती है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती
है कि प्रत्येक व्यय संसद द्वारा स्वीकृत राशि के भीतर ही हो और आवश्यकता पड़ने पर
उचित संशोधन किया जा सके।
(a) Original Grants: Original Grants वे प्रावधान होते हैं जो
Railway Budget (Demands for
Grants) प्रस्तुत करते समय संसद से स्वीकृत किए जाते हैं। ये रेलवे के प्रारंभिक
वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करते हैं और वर्ष के लिए व्यय की आधारराशि तय करते हैं।
(b) Supplementary &
Excess Grants: यदि वर्ष के दौरान किसी Demand के लिए पहले से स्वीकृत राशि अपर्याप्त साबित हो, तो रेलवे अतिरिक्त अनुदान (Supplementary Grants) माँग सकता है। वहीं, Excess Grants उन मामलों में स्वीकृत
होते हैं जहाँ व्यय पहले से स्वीकृत प्रावधान से अधिक हो चुका हो। इस प्रकार संसद
से अनुमोदन के बाद ही अतिरिक्त व्यय वैध माना जाता है।
(c) Revised Estimates & Modified
Appropriation:
रेलवे
में व्यय के आकलन हेतु तीन प्रमुख समीक्षाएँ होती हैं, जिनके माध्यम से वास्तविक व्यय और अनुमानित व्यय का
मिलान किया जाता है:
1. August Review: August Review वर्ष की पहली तिमाही (April–June) के व्ययों की समीक्षा करने की प्रक्रिया है।
इसमें प्रारंभिक अनुमान (Initial Estimates) और वास्तविक व्यय (Actual Expenditure) का मिलान किया जाता है। यदि किसी Demand
या उप-खातों में व्यय अनुमोदित राशि
से अधिक या कम पाया जाता है, तो
आवश्यकता पड़ने पर Re-appropriation के माध्यम से राशि का पुनर्वितरण किया जाता
है। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि वित्तीय वर्ष के शेष महीनों में
संसाधनों का सही और संतुलित उपयोग हो।
2. November Review (Revised
Estimates): November Review
में
पूरे वित्तीय वर्ष के संभावित व्यय (Projected Expenditure) का पुनः अनुमान लगाया जाता है। इस दौरान अगले वर्ष के Budget Estimates भी तैयार किए
जाते हैं। यह चरण Appropriation
Process का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, क्योंकि इसी में सरकार या रेलवे प्रशासन को व्यय का समग्र आकलन करना होता है
और संसदीय स्वीकृति के लिए संशोधित प्रस्ताव तैयार किए जाते हैं। Revised Estimates संसाधनों के प्रभावी
नियोजन और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने में मदद करते हैं।
3. Final Modification (February): फरवरी में वर्ष के अंत
से पहले अंतिम बार व्यय की स्थिति का विश्लेषण किया जाता है। इस समय यह देखा जाता
है कि पूरे वित्तीय वर्ष के लिए प्रत्येक Demand पर कितना व्यय हुआ और यह स्वीकृत Appropriation के अनुरूप है या नहीं।
वर्ष के शेष दो महीनों के लिए Appropriation
को
अंतिम रूप दिया जाता है, ताकि वित्तीय
रिकॉर्ड पूर्ण और सटीक बने। यह कदम रेलवे प्रशासन को वास्तविक व्यय के अनुसार
अंतिम समायोजन करने और संसद के समक्ष पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद
करता है।
(d) Actual Expenditure: वित्तीय
वर्ष के समाप्त होने के बाद रेलवे में हुए वास्तविक व्यय (Actual
Expenditure) के आँकड़े संकलित किए जाते हैं। इन आंकड़ों की तुलना पहले स्वीकृत Grants और वर्ष के
दौरान किए गए Final
Modification से की जाती है। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि सभी व्यय अनुमोदित बजट
के अनुरूप हुए हैं और किसी भी अतिरिक्त या अनियंत्रित खर्च की पहचान की जा सके।
3. Parliamentary Control – Appropriation Act & PAC
Scrutiny
Appropriation Act
रेलवे केवल संसद द्वारा
पारित
Appropriation Bill के आधार पर ही Consolidated Fund से धन निकाल सकता है। यह Act रेलवे के व्यय को
वैधानिक रूप प्रदान करता है। यदि कोई व्यय संसद की स्वीकृति के बिना किया जाता है,
तो उसे Excess Expenditure माना जाता है,
जो वित्तीय अनुशासन का उल्लंघन है।
Public Accounts Committee (PAC):
संसद में C&AG द्वारा तैयार किए गए Appropriation Accounts प्रस्तुत
किए जाते हैं। इसके बाद PAC इन खातों की गहन जाँच करती है। PAC
मुख्य रूप से यह सुनिश्चित करती है कि:
- व्यय
संसद द्वारा अनुमोदित सीमा के भीतर रहा।
- Re-appropriation नियमों के अनुसार धन का पुन: आवंटन सही ढंग से किया गया।
- कोई
अनियमितता या वित्तीय अनुशासन का उल्लंघन तो नहीं हुआ।
इस
प्रक्रिया से रेलवे के व्यय पर संसद की निगरानी और नियंत्रण सुनिश्चित होता
है और प्रशासन को जवाबदेह बनाया जाता है।
4. Audit की भूमिका (C&AG):
C&AG (Comptroller
& Auditor General of India) रेलवे
के Appropriation Accounts की
विस्तृत जाँच करता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि सभी व्यय
Canons of Financial Propriety के
अनुरूप किए गए हैं या नहीं। यदि कोई अनियमितता, अनुचित व्यय या वित्तीय नियमों का उल्लंघन पाया जाता
है, तो C&AG अपनी रिपोर्ट संसद को प्रस्तुत करता है। इस
प्रक्रिया से न केवल वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है, बल्कि रेलवे प्रशासन की जवाबदेही भी बढ़ती
है।
5. Railway-Specific
Features:
रेलवे का आकार अत्यंत
बड़ा है, जिसमें लाखों कर्मचारी
और हजारों किलोमीटर का नेटवर्क शामिल है। इसी कारण Appropriation Process को बहुत व्यवस्थित और चरणबद्ध (structured and phased) बनाया गया है। रेलवे में 16 Demands for Grants होती हैं, और प्रत्येक Demand के लिए Appropriation
अलग
से की जाती है। रेलवे मंत्रालय को
Re-appropriation की सीमित शक्तियाँ (limited powers) दी गई हैं,
लेकिन
किसी भी बड़ी हेरफेर (major
adjustments) के लिए Railway Board और संसद की
स्वीकृति आवश्यक होती है।
यह प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि वित्तीय नियंत्रण और अनुशासन बनाए रखा जाए।
6. महत्व
Appropriation Accounts रेलवे के लिए केवल लेखा-परीक्षण (audit) दस्तावेज़ नहीं हैं। यह
वित्तीय अनुशासन (financial
discipline) और पारदर्शिता (transparency)
का
आधार हैं। इसके माध्यम से संसद और Public
Accounts Committee (PAC) वास्तविक व्यय की समीक्षा कर सकते हैं और रेलवे प्रशासन को
जवाबदेह ठहराया जा सकता है। कुल मिलाकर, ये खाते रेलवे के वित्तीय प्रबंधन की नींव हैं और सुनिश्चित करते हैं कि
संसाधनों का उपयोग सुव्यवस्थित और जवाबदेह तरीके से किया जाए।
महत्वपूर्ण निष्कर्ष (Conclusion):
रेलवे का प्रत्येक व्यय
संसद की पूर्व अनुमति के अंतर्गत ही किया जाता है। Railway Board और General
Managers (GM) को सीमित शक्तियाँ दी गई हैं, लेकिन
अंतिम निर्णय और अधिकार संसद के पास ही रहते हैं। Appropriation Accounts के माध्यम से संसद (Parliament), Public Accounts Committee (PAC) और Comptroller & Auditor General (C&AG) यह
सुनिश्चित करते हैं कि रेलवे का हर रुपया उचित ढंग से और नियमों के अनुसार खर्च
हो। यह व्यवस्था रेलवे को एक उत्तरदायी सार्वजनिक संस्था (Accountable
Public Institution) बनाती है और वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूती प्रदान करती है।
