Expenditure Charged on the Consolidated Fund of India -
अनुच्छेद 113 (Article 113) भारत सरकार के
वार्षिक बजट से संबंधित एक महत्वपूर्ण प्रावधान है। इसके अंतर्गत कुछ ऐसे व्यय
शामिल होते हैं जिन्हें "Charged Expenditure" कहा
जाता है। इन व्ययों पर संसद में मतदान (Vote) की आवश्यकता
नहीं होती। संसद केवल इन पर चर्चा कर सकती है, लेकिन इन्हें
अस्वीकार या परिवर्तित नहीं कर सकती। इस प्रकार, ये व्यय
सरकार की मूल वित्तीय प्रतिबद्धताओं की निरंतरता सुनिश्चित करते हैं।
भारतीय रेल के संदर्भ में भी कुछ खर्च Charged Expenditure की श्रेणी में आते हैं। इनमें ऋणों पर ब्याज और उनकी अदायगी (Interest & Debt Redemption Charges), Comptroller & Auditor General of India (C&AG) का वेतन, भत्ते और पेंशन, न्यायालयों और ट्रिब्यूनलों द्वारा दिए गए निर्णयों या आदेशों की अदायगी, तथा वे अन्य व्यय शामिल हैं जिन्हें संसद या संविधान ने Charged घोषित किया हो।
रेलवे का अधिकांश खर्च "Voted Expenditure"
होता है, जिसे संसद की स्वीकृति की आवश्यकता
होती है। लेकिन Charged Expenditure यह सुनिश्चित करता है कि
सरकार ऋण भुगतान जैसे अपने अनिवार्य वित्तीय दायित्वों को बिना किसी अवरोध के पूरा
कर सके।
अतः निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि अनुच्छेद 113 रेलवे
के वित्तीय अनुशासन को मजबूती प्रदान करता है। यह स्पष्ट करता है कि किन खर्चों पर
संसद का प्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं है, जिससे Railway
Finance की स्थिरता और वित्तीय प्रबंधन की निरंतरता बनी रहती है।