1. सरकारी वित्तीय नीति (Government Financial Policy) का
समन्वय
2. रेलवे बजट की तैयारी और संसद में
प्रस्तुति
रेलवे बजट (Railway Budget) तैयार करने में FC की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। रेलवे का बजट
एक जटिल वित्तीय दस्तावेज (Financial Document) है, जिसमें रेलवे के सभी विभागों के व्यय, राजस्व, पूंजी निवेश (Capital
Investment), और परियोजनाओं की
वित्तीय योजना (Financial Planning) शामिल होती है।
FC यह सुनिश्चित करते हैं कि बजट:
- सटीक और निष्पक्ष हो (Accurate
& Objective): सभी
अनुमानित आय और व्यय वास्तविकताओं के अनुरूप हों।
- राजनीतिक एवं प्रशासनिक निर्देशों के
अनुरूप हो (Aligned with Political & Administrative Directives):
बजट नीति और रेलवे संचालन में
कोई विरोधाभास न हो।
- पारदर्शी और जवाबदेह हो (Transparent
& Accountable): संसद और
जनता के लिए स्पष्ट रूप से समझ में आने योग्य हो।
बजट की तैयारी में FC विभागों से प्रस्ताव (Estimates) एकत्रित करते हैं, उनका वित्तीय मूल्यांकन (Financial
Assessment) करते हैं और बजट में
प्राथमिकता निर्धारण (Priority Allocation) तय करते हैं। संसद में बजट पेश करने से पहले FC
इसकी सभी वित्तीय और प्रशासनिक
अनुमोदन (Approvals) सुनिश्चित
करते हैं।
3. व्यय और अनुबंध पर वित्तीय नियंत्रण
रेलवे के प्रत्येक बड़े व्यय (Major
Expenditure), अनुबंध (Contract),
परियोजना (Project) और नीति निर्णय में FC की सहमति अनिवार्य होती है। इसका उद्देश्य
वित्तीय अनुशासन (Financial Discipline) और व्यय नियंत्रण (Expenditure Control) को सुनिश्चित करना है।
- व्यय अनुमोदन (Expenditure
Approval): किसी भी
उच्च-मूल्य की खरीद (High-Value Procurement), निर्माण अनुबंध (Construction
Contract), या सेवा अनुबंध (Service
Contract) के लिए FC की मंजूरी आवश्यक होती है।
- वित्तीय अनुशासन (Financial
Discipline): यह सुनिश्चित
करता है कि रेलवे के संसाधनों का उपयोग बजटीय और नियामक दिशानिर्देशों (Regulatory
Guidelines) के अनुरूप हो।
- जोखिम प्रबंधन (Risk
Management): FC यह भी
सुनिश्चित करते हैं कि वित्तीय जोखिम (Financial Risks) की पहचान और उनका प्रबंधन उचित ढंग से
किया जाए।
इस प्रकार, FC की सहमति केवल एक औपचारिकता नहीं होती, बल्कि यह रेलवे के वित्तीय ढांचे की स्थिरता
(Stability) और जवाबदेही (Accountability)
की गारंटी है।
4. वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता और
उत्तरदायित्व
FC यह सुनिश्चित करते हैं कि रेलवे की वित्तीय प्रणाली
अनुशासित (Disciplined), पारदर्शी
(Transparent) और उत्तरदायी (Accountable)
बनी रहे। इसके लिए वे निम्नलिखित उपाय
अपनाते हैं:
- नियमित वित्तीय निरीक्षण (Regular
Financial Audit): विभागों
के वित्तीय रिकॉर्ड (Financial Records) और लेन-देन (Transactions) की नियमित जांच।
- लेखांकन और रिपोर्टिंग मानक (Accounting
& Reporting Standards) का पालन: भारतीय रेलवे में वित्तीय लेखांकन (Accounting)
और रिपोर्टिंग में GAAP
(Generally Accepted Accounting Principles) और केंद्रीय वित्तीय निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना।
- वित्तीय प्रशिक्षण और मार्गदर्शन (Financial
Training & Guidance): रेलवे
के अधिकारियों को वित्तीय अनुशासन, बजट नियंत्रण और संसाधन प्रबंधन (Resource Management) के विषय में प्रशिक्षण देना।
इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होता है कि रेलवे के
वित्तीय निर्णय पारदर्शी, कानूनी
रूप से सही और जवाबदेह हों।
5. संसद और जनता के प्रति उत्तरदायित्व
FC न केवल रेलवे के वित्तीय संरक्षक हैं, बल्कि वे रेलवे को संसद और जनता के प्रति
वित्तीय रूप से उत्तरदायी बनाते हैं। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि रेलवे का धन
सार्वजनिक हित (Public Interest) में, योजनाओं के अनुसार और
नियमानुसार खर्च हो।
- सार्वजनिक जवाबदेही (Public
Accountability): FC यह
सुनिश्चित करते हैं कि रेलवे के व्यय और निवेश का उपयोग सार्वजनिक हित के
अनुरूप हो।
- नीति और व्यावहारिक संतुलन (Policy
& Operational Balance): वे नीति निर्माण (Policy Making) और व्यावहारिक कार्यान्वयन (Operational Implementation) के बीच संतुलन बनाए रखते हैं।
- लोकतांत्रिक वित्तीय नियंत्रण (Democratic
Financial Control): संसद और
सरकारी निरीक्षण तंत्र के माध्यम से वित्तीय निर्णयों की पारदर्शिता
सुनिश्चित करना।
6. वित्तीय सलाहकार और रणनीतिक निर्णयकर्ता
FC केवल बजट और व्यय पर नियंत्रण रखने वाले अधिकारी
नहीं हैं, बल्कि वे रेलवे
बोर्ड के लिए मुख्य वित्तीय सलाहकार (Chief Financial Advisor) भी होते हैं। वे रेलवे की वित्तीय रणनीति (Financial
Strategy) निर्धारित करने, पूंजी निवेश (Capital Investment) के निर्णय लेने और लंबी अवधि की वित्तीय
योजना (Long-Term Financial Planning) तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
- नीति निर्माण में मार्गदर्शन (Policy
Guidance): रेलवे की
दीर्घकालिक परियोजनाओं (Long-Term Projects) के वित्तीय पहलुओं पर सलाह देना।
- वित्तीय जोखिम मूल्यांकन (Financial
Risk Assessment): विभिन्न
निवेशों और व्यय परियोजनाओं के संभावित वित्तीय जोखिमों का मूल्यांकन करना।
- संसाधन अनुकूलन (Resource
Optimization): रेलवे के
सीमित संसाधनों (Limited Resources) का प्रभावी और कुशल उपयोग सुनिश्चित करना।
निष्कर्ष (Conclusion)
रेलवे वित्त आयुक्त (FC) का कार्यभार केवल वित्तीय नियंत्रण तक सीमित नहीं
है। वे नीति निर्माण (Policy Formulation), बजट प्रबंधन (Budget Management), वित्तीय अनुशासन (Financial
Discipline) और संसाधनों के प्रभावी
उपयोग (Efficient Resource Utilization) में रेलवे प्रशासन के प्रमुख स्तंभ हैं। FC की भूमिका से रेलवे की वित्तीय स्थिरता (Financial
Stability), पारदर्शिता (Transparency)
और जवाबदेही (Accountability) सुनिश्चित होती है।
इस प्रकार, FC रेलवे की वित्तीय संरचना का आधार हैं, जो न केवल रेलवे प्रशासन की कार्यक्षमता
बढ़ाते हैं, बल्कि संसद और
जनता के प्रति रेलवे को वित्तीय रूप से उत्तरदायी भी बनाते हैं। उनकी विशेषज्ञता
और निर्णय क्षमता (Expertise & Decision-Making) भारतीय रेलवे के सुचारु संचालन (Efficient
Operations) और वित्तीय उत्कृष्टता (Financial
Excellence) के लिए अनिवार्य है।
